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Lyricsgram
अल्लाह रखा lyrics
न अमर न अकबर
चाहे सोलोन में जला दो
बदतमीज़ी पे हम आ गए तो
डोली लेके यहाँ
परवर दीगरे आलम
कलमा पढ़कर रोज़े रखकर