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Lyricsgram
आलम आरा lyrics
बदला दिलवायेगा या राब
आस्ताने से तेरे कोई भी खली
करता है एक रवि दिलसोज
ज़माने की बातें
ये जो मेरी चढ़ती जवानी है
या हबीबी मरहब्बा
सुनो रमजान की दास्तान
रेहमत का तमाशा
परवरदिगार
सुनो फ़रियाद तुम मेरी
हम दोनों कबूतर
भटके हुए राही
प्यार की सरते